बीस तीर्थंकरों की निर्वाण स्थली पारसनाथ पहाड़ी की तलहटी में बसा मधुबन के प्रांगण में जैन धर्म के श्वेताम्बर अनुयायी का सबसे महान पर्व पर्यूषण महापर्व सोमवार तीसरे दिन पूरे हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ साधु-साध्वी, संस्था में कार्यरत कर्मचारियों ने तप एवं उपधान किया। पर्यूषण महापर्व के तीसरे दिन साधु-साध्वी, वृंद को जैन धर्म के सबसे बड़े ग्रंथ कल्पसूत्र ग्रंथ दोहराया गया।

तीन दिनों तक कल्प सूत्र वांचन होगा फिर भगवान का जन्म वांचन का कार्यक्रम होगा। जिसमें भगवान पार्श्वनाथ की जन्म विधि करायी जाएगी। जिसमें त्रिशला माता का चौदह सपना का भी विधान कराया जाएगा। जिसमें चौदह सपने का लाभ लेने वाले श्रद्धालुओं को बोली का लाभ देकर चौदह सपना चढ़ाने का लाभ मिलेगा। पर्यूषण महापर्व में बहुत से साधु, साध्वी उपवास, तैला, अठम, आयम्बिल, एकासना तो अनेक बेयासना कर रहे हैं तो अनेकों लोग अलग-अलग उपवास एवं अाराधना कर रहे हैं।



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