अयोध्या में श्री रामजन्म भूमि बनने वाला राम मंदिर राष्ट्रीय एकता का प्रतीक होगा। जिस प्रकार प्रभु श्रीराम ने अपने शौर्य के लिए जाने जाते थे उसी प्रकार मंदिर भी देश व समाज को एक करने का काम करेगी। मंदिर की नींव रखे जाने के बाद सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विश्व के कई देश जहां हिन्दू रहते हैं या विहिप कार्यकर्ता हैं, इसका उत्सव मनाया गया। करीब 36 पंथों और सम्प्रदाय के लोगों ने इस पुनीत कार्य में शामिल होकर मिसाल कायम किया है।
उक्त बातें विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने रविवार को बिहारशरीफ में प्रेस काॅन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि के लिए हिंदू समाज 1528 ई. से ही निरंतर संघर्ष कर रहा है । 1984 में पूज्य संतों के आदेश पर विश्व हिंदू परिषद ने राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए संघर्ष प्रारंभ किया। तीन लाख से अधिक गांव से 16 करोड़ राम भक्तों ने इस अभियान के विभिन्न चरणों में सहभागिता की थी। करीब 490 वर्षों के संघर्ष और 70 वर्षों की न्यायिक लड़ाई के बाद 5 अगस्त को राम जन्मभूमि मंदिर का श्रीगणेश संभव हो सका है।
चीनी सामानों का बहिष्कार
उन्होंने चीन द्वारा भारत के खिलाफ किये जा रहे षडयंत्र पर चर्चा करते हुए कहा कि जो देश हमारे सेना के जवानों पर हमला कर रहा हो उसे समृद्ध करना बेवकूफी है। इसके लिए विहिप द्वारा चीनी समानों का बहिष्कार के लिए अभियान चलाया जाएगा।
बिहार में धर्मांतरण से हिन्दू समाज खतरे में
श्री मरांडे ने कहा कि बिहार में ईसाई संस्थाओं द्वारा बड़े पैमाने पर धन-दौलत का प्रलोभन देकर हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इस पर सख्ती से रोक लगाने की जरूरत है। सरकार को इस पर ठोस कार्रवाई करनी होगी। विश्व हिन्दू परिषद द्वारा भी इसके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
गाै आधारित खेती के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विश्व हिन्दू परिषद द्वारा गौ आधारित जैविक खेती के लिए जागरूक किया जाएगा। देश के कई राज्यों में किसानों को जैविक खाद, कीटनाशी दवा बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। अब नालंदा, नवादा व आस-पास के अन्य जिलों में भी प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही बेरोजगारों को आत्म निर्भर बनाने के लिए रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित सेवा कार्य चलाए जा रहे हैं। गौ आधारित खेती करने से कृषि के साथ-साथ गौ की भी रक्षा होगी।
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