स्मार्ट सिटी के तहत बाजार समिति की चहारदीवारी निर्माण कार्य जोरशोर से कराया जा रहा था। बुधवार से निर्माण कार्य स्थगित कर दिया गया है। संवेदक कार्य बंद होने के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो भुगतान के अभाव में काम को बंद कर दिया गया है। करीब एक करोड़ का काम कराया जा चुका है। जिसका संबंधित विभाग से भुगतान नहीं हो सका। भुगतान विभागीय पेंच में फंस गया है। पुल निगम व नगर निगम एक-दूसरे को परोक्ष रूप से इसका जिम्मेवार बता रहे हैं।

ये है विभागीय पेंच
कृषि विभाग ने फेज वन के काम के लिए 14.53 करोड़ की कार्य योजना बनाई थी। वर्ष 2019 में प्राक्कलन राशि 2.90 करोड़ पुल निगम को उपलब्ध करा दी गई। जिसके बाद पुल निगम ने काम शुरु कराया। 9 जून को वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई मीटिंग में स्मार्ट सिटी के चेयरमैन ने बाजार समिति चहारदीवारी निर्माण कार्य का काम स्मार्ट सिटी के तहत कराने का मौखिक आदेश दिया। इसके बाद संबंधित विभागों के पेंच में संवेदक को भुगतान नहीं हो सका है।

जल्द होगा भुगतान
पुल निगम के कार्यपालक अभियंता दिपेश कुमार ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा बाजार समिति की चहारदीवारी निर्माण कराया जा रहा था। कुछ दिन पहले इस प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी में शामिल कर दिया गया। इस कारण संवेदक को भुगतान नहीं हो सका है। वर्तमान में भुगतान के अभाव में कार्य बाधित है। जल्द ही प्रोसेस को पूरा कर भुगतान करा दिया जाएगा। जिसके बाद निर्माण कार्य सुचारु हो जाएगा। बता दें कि स्मार्ट सिटी के काम को हर बैठक मे तेजी से करने के लिए कहा जाता है।

निगम ने कहा- कार्य स्मार्ट सिटी का नहीं
नगर आयुक्त अंशुल अग्रवाल ने बताया कि बाजार समिति की चहारदीवारी निर्माण स्मार्ट सिटी के तहत नहीं, बल्कि कृषि विभाग और पुल निगम द्वारा कराया जा रहा है। भुगतान की जिम्मेवारी उनकी है। कृषि विभाग से एनओसी मिलने पर वहां स्मार्ट सिटी का काम शुरू होगा। स्मार्ट सिटी के तहत बाजार समिति में निम्न काम होने हैं। जिनमें चहारदीवारी, सड़कों का विकास, ड्रेनेज, इलेक्ट्रीक सिस्टम, भवन रिपेयरिंग, गार्ड रूम, टॉयलेट ब्लॉक आदि शामिल है।



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