(एकता कुमारी) आर्टिस्ट तो आपने कई देखे होंगे, लेकिन सिटी भास्कर आज एक ऐसे आर्टिस्ट से आपको रूबरू कराने जा रहा है, जिन्होंने देश-विदेश की सैर कर 30 हजार स्केचेज और 3 हजार पेपर मॉडल तैयार किए हैं। इंटरेस्टिंग चीजों व ब्यूटीफुल सिनरी को देख कर रूक जाना और फिर उस स्केच या पेपर मॉडल तैयार करना, ये कला के प्रति उनके लगाव को दर्शाता है।
घर से लेकर ऑफिस तक, देख कर इन्हें समझा जा सकता है कि रंगों और पेपर में ही इनका जीवन बसा है। ये हैं पाटलिपुत्रा कॉलोनी के रहने वाले संजय सिंह। घर के सोफे से लेकर डाइनिंग टेबल और बेड तक पेपर मॉडल से भरा पड़ा है। आइये जानते हैं उनकी अब तक की जर्नी...
जूते के कार्टन से शुरू किया मॉडल बनाना, बाइक से नापा देश
अपनी जर्नी के बारे में संजय बताते हैं कि पिता आर्मी में थे। इसकी वजह से कई जगहों पर घूमना होता रहता था। बचपन शिमला में गुजरा। वहीं से पढ़ाई होने के कारण अक्सर घूमना भी होता रहता था। वहां की चीजें मुझे बहुत आकर्षक लगती थीं। स्कूल बिल्कुल अलग तरह का था।
एक शिक्षक थीं, जिन्होंने मुझे पेपर मॉडल बनाना सिखाया। उस वक्त ज्यादा चीजें नहीं होने के कारण जूते के डब्बे या किसी कार्टन से घर की जरूरत की चीजों को रखने के लिए विभिन्न तरह से मॉडल बनाना शुरू किया। वे बताते हैं कि जितना ज्यादा बनाता जाता वैसे-वैसे रुचि बढ़ती गई।
बाद में मैं लोकेशन और स्केचेज के लिए देशभर में बाइक से घूमने लगा। संजय विभिन्न शहरों दिल्ली, मुंबई, पुणे, रायबरेली, पटना के विभिन्न स्कूल व आर्ट कॉलेज के बच्चों को पेपर मॉडल और स्केचेज बनाना सीखा चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने सैकड़ों वर्कशॉप भी लगाया है, जिसकी लोगों ने खूब सराहना की है।
जल्द दिखेगा जर्मन इतिहास
जल्द ही संजय सिंह की एक 60 पेज की किताब “क्विक स्केचेज यूराेप’ आने वाली है, जिसके जरिये वे जर्मनी और उसके आसपास के देशों को स्केचेज के जरिए आंखों देखा हाल बताने वाले हैं। इसमें जर्मनी के इतिहास से लेकर वर्तमान तक को शामिल किया है।
पेपर टेराकोटा पर भी कर रहे काम
संजय बताते हैं कि हरेक स्केच के पीछे की अपनी एक अलग कहानी है। कई बार स्केचेज को कविताओं से भी जोड़ देते हैं। वे बताते हैं कि एक दिन में दो स्केच तैयार कर लेता हूं। एक स्केच को बनाने में 15-20 मिनट का समय लगता है। 6 डी मॉडल के साथ एनिमेटेड डिजाइन और पेपर टेराकोटा पर भी काम कर रहे हैं। बातों ही बातों में बताते हैं कि घर के माहौल को थोड़ा लाइट बनाने के लिए बेटे को लंच में पेपर से बना सेंडविच दे दिया था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
إرسال تعليق