मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सिस्टम की लापरवाही से चार घंटे तक एक कोरोना मरीज का रिश्तेदार प्लाज्मा थेरेपी करवाने को परेशान रहे। बाद में शाम छह बजे पता चला कि उनके मरीज को प्लाज्मा थेरेपी की जरूरत नहीं थी। अस्पताल ने आईसीयू में भर्ती 85 वर्षीय बीके सिंह का पर्चा डीएन सिंह रोड के 64 वर्षीय बीके झुनझुनवाला के परिजन को दे दिया।

बीके झुनझुनवाला के परिजन कुंजबिहारी झुनझुनवाला दोपहर सवा दो बजे आईसीयू की नर्स से जानकारी लेने पहुंचे तो गार्ड ने कहा कि आधे घंट बाद आइये। अभी नर्स का शिफ्ट चेंज हुआ है। इसके बाद वह लौट गए पर शाम तक परेशान रहे।
आईसीयू में 18 अक्टूबर को डॉ. हेमशंकर शर्मा की यूनिट में 64 वर्षीय बीके झुनझुनवाला को भर्ती किया गया था। जबकि इसी आईसीयू में डॉ. अभिलेष कुमार की यूनिट में 85 वर्षीय बीके सिंह को भी भर्ती किया गया था। बीके सिंह को प्लाज्मा चढ़ाने के लिए डॉक्टरों ने सलाह दी थी। उन्हें मंगलवार को प्लाज्मा चढ़ाया जाना था।

कुंजबिहारी ने बताया कि शाम करीब छह बजे जब पर्ची को डॉ. राजकमल चौधरी ने देखा तो बताया कि प्लाज्मा बीके झुनझुनवाला को नहीं बल्कि बीके सिंह को चढ़ाया जाना है। इस गलतफहमी से बीके सिंह को मंगलवार को प्लाज्मा नहीं चढ़ सका। अस्पताल अधीक्षक डाॅ. एके भगत ने बताया कि पर्ची को लेकर कुछ गलतफहमी हाे गयी थी। इसमें सुधार कर लिया गया। आईसीयू के नर्सों व डॉक्टर से पूछेंगे कि ऐसा क्याें हुआ।

यूको बैंक की मैनेजर समेत 38 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले
जिले में मंगलवार को यूको बैंक की असिस्टेंट मैनेजर समेत 38 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले। इनमें से एक गोड्डा का भी मरीज है। अब जिले में आंकड़ा 8149 हो गया है। 67 की मौत हो चुकी है। स्वस्थ होने वाले मरीजों का आंकड़ा 7709 है। सक्रिय मरीजों की संख्या 373 है। सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार को शहरी क्षेत्र में 3 पॉजिटिव मिले। इनमें यूको बैंक की महिला असिस्टेंट मैनेजर, बैंक का स्पेशल असिस्टेंट व खंजरपुर का एक युवक शामिल है।

कोविड-19 को लेकर डालसा ने जेलों में लगाया जागरूकता शिविर

प्ली बारगेनिंग और कोविड-19 से बचाव को लेकर मंगलवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) ने दोनों जेल और बाल सुधार गृह में विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इसमें सचिव रूम्पा कुमारी, पैनल अधिवक्ता सुजीत कुमार सिन्हा, बन्दना कुमारी व प्राधिकार कर्मी तूलिका कुमारी व प्रवीण कुमार उपस्थित हुए। काराधीक्षक के सहयोग से बंदियों को कोविड से बचने के उपायों को बताया।

इस मौके पर बंदियों को प्ली बारगेनिंग की जानकारी दी गई। बंदियों को बताया गया कि प्ली बारगेनिंग एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है। समझौते के बाद मजिस्ट्रेट के सामने आरोपी अपना गुनाह कबूल करता है। आरोपी की सजा उस केस की न्यूनतम सजा से आधी या उससे भी कम कर दी जाती है।



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Misconceptions about name, Karenna patient could not get plasma therapy

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