सुशील कुमार मोदी महज 10 वर्ष की उम्र में ही आरएसएस से जुड़े। वे 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान संघ के संपर्क में आए। इसके बाद वे राजेन्द्र नगर शाखा के मुख्य शिक्षक बने। जिला शारीरिक प्रमुख बने। 1977 से 1986 तक संघ के प्रचारक के नाते विद्यार्थी परिषद के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बने। राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान दस दिनों तक जेल में रहे।
इसके पहले मोदी ने 1972 में पहली बार छात्र आंदोलन के दौरान 5 दिनों के लिए जेल यात्रा की जबकि 1974 में जेपी आंदोलन व आपातकाल के दौरान 5 बार मीसा में गिरफ्तार हुए। आपातकाल के समय 19 माह जेल में रहे। कुल मिलाकर वे दो वर्षों तक जेल में रहे।
वे बांकीपुर, फुलवारी, बक्सर, हजारीबाग, दरभंगा, भागलपुर जल के साथ-साथ पीएमसीएच के कैदी वार्ड में भी रखे गए थे। सुशील मोदी चारों सदनों के सदस्य बनने वाले बिहार के कुछ गिने-चुने नेता में शामिल होंगे। वे लोकसभा, विधानसभा और विधानपरिषद के बाद अब राज्यसभा के भी सदस्य होंगे।
सुशील मोदी को डिप्टी सीएम ने दी बधाई
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सुशील कुमार मोदी को राज्यसभा के लिए पार्टी उम्मीदवार बनाने पर बधाई दी है। उन्होंने इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व को धन्यवाद भी दिया है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा सदस्य के रूप में उनकी उम्मीदवारी पार्टी व सरकार के स्तर पर उनके अहर्निश सेवा का सकारात्मक प्रतिफल है। उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने भी उन्हें बधाई दी है।
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