स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में मुजफ्फरपुर के सबसे खराब प्रदर्शन और अब तक कोई काम नहीं होने पर नगर विकास एवं आवास विभाग के विशेष सचिव अभय राज ने साेमवार काे नाराजगी जताई। नगर निगम में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि स्मार्ट सिटी के तहत अब हर माह 15 करोड़ रुपए खर्च का टारगेट है। उन्हाेंने कहा, एसपीवी का गठन हो चुका है। टारगेट के अनुरूप काम करने में अब कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, नगर निगम में सुधार की जरूरत है।

नल जल योजना की समीक्षा के दाैरान कार्यपालक अभियंता ने बताया, टेंडर फेल होने से काम नहीं शुरू हो रहा। विशेष सचिव ने पूछा, कितनी बार टेंडर फेल हुआ, ताे कार्यपालक अभियंता ने बताया 5 बार। इस पर विशेष सचिव ने इंजीनियरों को फटकार लगाई। टारगेट दिया कि अप्रैल तक हर घर नल का जल पहुंच जाना चाहिए। किसी भी स्थिति में लोगों को इस बार गर्मी में पानी के लिए परेशानी नहीं हो।

जहां भी सबमर्सेबल की जरूरत है, वहां काम पूरा किया जाए। जलजमाव पर कहा, इसे लेकर मुजफ्फरपुर की बहुत बदनामी हुई। समय रहते नालाें की सफाई शुरू कराएं। एसटीपी निर्माण को लेकर नगर आयुक्त ने बताया कि जमीन अभी नहीं मिली।

ओडीएफ काे लेकर कार्यपालक अभियंता काे फटकार

ओडीएफ में निगम के इंजीनियर रुचि नहीं ले रहे हैं। इसे लेकर विशेष सचिव ने कार्यपालक अभियंता को फटकार लगाई। 30 जगह शौचालय बनाना है। इंजीनियर द्वारा अतिक्रमण का बहाना बनाया जा रहा है, जबकि निगम के पास स्थाई तौर पर पुलिस जवान व मजिस्ट्रेट हैं।

सम्राट अशोक भवन व नगर सरकार भवन को लेकर नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि जगह चिह्नित की जा रही है। नगर निगम के कर्मचारियों व अधिकारियों को बैठने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है।



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नगर निगम सभागार में योजनाओं की समीक्षा करते विशेष सचिव व अन्य।

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