कटरा थाने में रहते 6 साल 8 माह पहले सेवानिवृत्त हुए दारोगा एलएन झा की मौत ने सिस्टम पर सवाल उठा दिया है। साढ़े 6 साल से ज्यादा समय से कटरा थाने के मालखाना का चार्ज देने के लिए रिटायर्ड दारोगा एलएन झा कटरा थाने का चक्कर लगा रहे थे। थानेदार की आनाकानी के बाद मुजफ्फरपुर से पटना तक के पुलिस अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कही सफलता नहीं मिली।

दुर्गा पूजा के बाद से रिटायर्ड दारोगा कटरा स्कूल में ही डेरा डालकर रोज थाने पर पहुंचकर मालखाना के सामान का मिलान करा रहे थे। आखिरकार बिना चार्ज दिए तबीयत बिगड़ने के बाद बीती रात उन्होंने दम तोड़ दिया। दरभंगा के लहरिया सराय के रहने वाले झा के पुत्र मुरारी झा ने दैनिक भास्कर काे बताया, 30 अप्रैल 2014 को कटरा थाने से पिताजी रिटायर्ड हुए।

मालखाना का चार्ज रिटायरमेंट के पहले ही देना चाहा, लेकिन नहीं लिया गया। रिटायरमेंट के बाद भी लगातार मालखाना का चार्ज देने का प्रयास कर रहे थे। मुजफ्फरपुर से पटना के कई पुलिस अधिकारियों के यहां उन्होंने इसकी शिकायत की। फिर भी उनसे चार्ज नहीं लिया गया। दुर्गा पूजा के दिन पिताजी कटरा थाने पहुंचे।

काफी प्रयास के बाद थानेदार चार्ज दिलाने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन पिताजी को कटरा थाने के ही एक स्कूल में रहने के लिए कहा गया, तब से वे लगातार कटरा में थे। छठ में दो दिन के लिए घर आए थे। तबीयत खराब होने की सूचना पर चार दिन पहले वह भी वहां गए थे।

गुरुवार की सुबह भी बात हुई थी, ठीक थे। हालांकि, गुरुवार की रात 8 बजे कटरा थाने के मुंशी ने फाेन किया कि पिताजी की तबीयत खराब है। अस्पताल ले जा रहे हैं। इस पर वह गांव से जब तक मुजफ्फरपुर पहुंचते, तब तक उनकी मौत हो गई थी।

बेटे का आरोप- पिताजी को अधिकारी बोलते थे कि आप बेवकूफ थे, जो चार्ज ले लिए

बेटे मुरारी झा ने बताया, जब भी पिताजी मालखाना का चार्ज देने वहां के पुलिस अधिकारी काे बोलते ताे कटरा थाने के पुलिस अधिकारी उन्हें कहते आप बेवकूफ थे, जो मालखाना का चार्ज ले लिया। इसी में साढ़े 6 साल चले गए। आखिरकार बिना चार्ज दिए ही पिताजी की माैत हाे गई।

इधर, कटरा थानाध्यक्ष सिकंदर कुमार का कहना है, वह जब से पदस्थ हुए हैं, चार्ज लेने की प्रक्रिया चल रही थी। कुछ दिनों से वह आ जा रहे थे।तबीयत खराब होने से उनकी मौत हुई है। पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। यूडी केस दर्ज किया गया है।
यह प्रताड़ना का मामला : लीगल एक्सपर्ट

एक तरह से यह प्रताड़ना का मामला है। पुलिस हस्तक नियम 78 व तत्कालीन पुलिस महानिदेशक द्वारा 12 जनवरी 2019 को आदेश पारित किया गया है कि मालखाना का प्रभार थानेदार के पास रहेगा। फिर भी इसका पालन नहीं हो रहा। ज्यादातर थानेदार मालखाना का प्रभार नहीं लेते। निचले पदाधिकारी परेशान होते हैं। कटरा थाने के रिटायर्ड दारोगा एलएन झा मेरे पास लीगल ओपिनियन के लिए पहुंचे थे। उनकी पेंशन भी नहीं बनी थी। इस तरह के कई और मामले हैं, जो मालखाना के चार्ज के लिए पुलिस अधिकारी भटक रहे हैं। -विनय कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर (सेवानिवृत्त) लीगल एक्सपर्ट, बिहार पुलिस



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The retired inspector was traveling to give charge of the goods shop, without giving charge

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