जीरोमाइल में बाल गृह चलाने वाली संस्था रूपम प्रगति समाज की सचिव रुपम कुमारी को रूपम पाठक बता जालसाजी के केस में गिरफ्तार करने वाली लोदीपुर पुलिस की कार्रवाई को डीआईजी ने अपनी जांच में गलत करार दिया। उन्होंने लोदीपुर पुलिस को कोर्ट में शुद्धिपत्र देने को कहा है। जालसाजी के एक अन्य केस में रिमांड कर लिया जबकी रूपम कुमारी उकत केस में नहीं है इस बात का खुलासा डीआईजी द्वारा कराई गई जांच में हुअा है। जांच रिपोर्ट में साफ हुआ कि लोदीपुर थाने के दाराेगा व केस के आईओ चंदन कुमार दुबे की गलती से रूपम कुमारी को जालसाजी के केस में गिरफ्तार किया गया। वह एक माह से जेल में बंद है। जांच में यह भी पता चला कि रूपम कुमारी को जालसाजी के उस केस में रिमांड पर पुलिस ने लिया, जिसमें वह थी ही नहीं। उसके पति और परिजनों के गुहार के बाद डीआईजी विकास वैभव ने जांच के लिए लॉ एंड ऑर्जांडर डीएसपी मो. नेसार अहमद शाह को जिम्मा दिया था। इसकी रिपोर्ट एसपी और एसएसपी को भेजी गई। जांच में रूपम कुमारी को निर्दोष पायाा गया।



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