एडीजे-नाै संजय कुमार की अदालत ने साेमवार काे 16 साल की लड़की नेहा कुमारी की निर्मम तरीके से हुई हत्या के अाठ साल पुराने में मुकदमे में उसके चाचा समेत चार अाराेपियाें काे सबूत के अभाव में बरी कर दिया है। केस के गवाहाें ने ट्रायल में अाराेपियाें की पहचान नहीं की।

गवाहाें के मुकरने के कारण सबूत के अभाव में सभी काे बरी किया गया। सुल्तानगंज थाने में इस वारदात की प्राथमिकी 23 सितंबर 2011 काे कटहरा निवासी चाैकीदार सदानंद पासवान के बयान पर अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुई थी। पुलिस ने साधु बथान के सामने राेड के पश्चिम किनारे वरुअा नदी में दक्षिणी किनारे से लड़की की लाश काे बाेरे में बंद पाया था। लड़की के गर्दन सिर काे अलग-अलग कर दिया गया था। पेट व दाेनाें बांह काे भी काट दिया गया था। बाद में पुलिस ने शव की पहचान उधाडीह के अरुण मंडल की बेटी नेहा कुमारी के रूप में की थी। पुलिस ने नेहा की हत्या के अाराेप में उसके चाचा छाेटे लाल सिंह काे गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने जांच में पाया था कि लड़की के चाचा छाेटेलाल सिंह ने अपने रिश्तेदाराें के सहयाेग से लड़की काे टांगी से काटकर नदी में बहा दिया था। काेर्ट ने सबूत के अभाव में छाेटेलाल िसंह, शंभूगंज थाना क्षेत्र के माेहनपुर गांव के परमानंद िसंह, उसके बेटे सिअाे कुमार, राहुल कुमार काे बरी कर दिया है।

सुल्तानगंज में अाठ साल पहले हुई थी जघन्य वारदात



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