सबसे ज्यादा नुकसान बिहार के लोगों को एनआरसी व एनपीआर से होगा। इसीलिए हम लोग 25 फरवरी को बिहार विधानसभा को घेरकर पूरे पटना को इस काले कानून के विरोध में ठप कर देंगे। ये बातें बलिया नगर पंचायत क्षेत्र के लखमिनियां के फूल चौक पर बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर विचार संघर्ष मंच द्वारा आयोजित अनिश्चितकालीन धरना के 22वें दिन रविवार को भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कही। उन्होंने सभी लोगों को पटना आने का आह्वान किया। कहा कि अगर हम इस देश के नागरिक नहीं हैं तो सबसे पहले सरकार को कुर्सी खाली करनी चाहिए। हम नागरिक थे, इसलिए वोट देने का हक मिला। नागरिकता पर सवाल खड़ा करना हमारे सारे अधिकार को छीनने की साजिश चल रही है। एनपीआर करने का मतलब यह है कि जो लोग संदिग्ध लगेंगे उनके नाम के आगे डी लगा दिया जाएगा। जो डाउटफुल माना जाएगा। असम में एनपीआर तथा एनआरसी के द्वारा प|ी डिटेंशन कैंप में और पति घर में, बच्चे डिटेंशन कैंप में और माता-पिता घर में थे। भाजपा के लोग जो कहते हैं कि हिंदुओं के लिए कोई खतरा नहीं है। यह बहुत बड़ी झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 15 वर्षों से हमलोगों के वोट पर सत्ता में बैठे हुए हैं और भाजपा की गोद में फिर से चले गए हैं। भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी जी से कहा जा रहा है कि आप अपनी डिग्री दिखाइए 1 वर्षों से हाईकोर्ट में तारीख पे तारीख दी जा रही है। खुद डिग्री दिखाते नहीं हैं। पूरे देश से नागरिकता के नाम पर कागज दिखाने के लिए कह रहे हैं।

अपने देश में रहने वाले हो रहे बेगाने : दीपांकर भट्टाचार्य


नावकोठी । देश के 73 फीसदी लोगों के पास अपने प्रमाण के लिए कोई लिखित कागजात नहीं है। अपने को देश के नागरिकता के लिए कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं करने से वे अपने ही देश में बेगाने हो जाएंगे। नागरिकता संशोधन अधिनियम का भय केवल अल्पसंख्यकों नहीं बल्कि हिन्दू समाज के महादलित, दलित, पिछड़ी, अति पिछड़ी समुदायों के बीच है। उक्त बातें भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने हसनपुर बागर में आयोजित नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरुद्ध अनिश्चितकालीन धरना को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के 18वें दिन की सभा में कही। उन्होंने कहा कि इस काले कानून के विरुद्ध आम आवाम को सड़कों पर आना पड़ा। केन्द्र की सत्तासीन मोदी एवं शाह द्वारा अपनी सरकार की नाकामबायी को छिपाने के लिए जामिया तथा जेएनयू में हिन्दू वाहिनी द्वारा हिंसक वारदात करवा कर धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश रची जा रही है। सभा को पूर्व विधायक राजा राम सिंह, अंजनी कुमार सिंह, पूर्व मुखिया मुक्ति नारायण सिंह, सरपंच रामाश्रय पासवान, मुखिया विजय पासवान,मो इसराफिल अर्जून पासवान, जैनुल आबदीन, मो सोहेल आदि ने संबोधित किया। मंच संचालन नसीम रब्बानी ने किया।

नवाब चौक पर देर रात पहुंचे माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य

बेगूसराय| संविधान बचाओ, देश बचाओ संघर्ष मोर्चा द्वारा नवाब चौक पर जारी अनिश्चितकालीन धरना में रविवार लगभग साढे दस बजे रात में माले के राष्ट्रीय महासचिव दिपांकर भट्टाचार्य पहुंचे। लेकिन एसडीओ संजीव चौधरी से रात दस बजे रात तक ही लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति के कारण उन्हें बिना भाषण दिए लौटना पड़ा। मौके पर माले नेता ने आंदोलनकारियों से काफी देर तक बातचीत की और अपना पूरा समर्थन दिए जाने की बात कही। दूसरी ओर सोमवार को एनपीआर, सीएए एवं एनआरसी के खिलाफ जारी धरना में काफी संख्या में मुस्लिम महिलाओं, नौजवान एवं बच्चों ने हिस्सा लिया। धरना में मोर्चा के संयोजक इम्तियाज उल हक डव्लू ने कहा कि शाहीन बाग में 6 महीने की बच्ची को ठंड लगने के कारण हुई मौत हो गई है। आंदोलनकारी इसे शहादत मानते हैं। उन्होंने कहा कि बच्ची की मौत पर धरना स्थल पर दो मिनट का मौन रखा गया। मौके पर नूरुल इस्लाम जिम्मी ने कहा कि सीएए काला कानून देश की जनता को मूल समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए लाया है।


ये भी थे उपस्थित: मौके पर शंभू देवा, अजय कुमार, राजेश श्रीवास्तव, मुफ्ती अब्दुल महमूद, एहसान रिजवी, पप्पू कुमार, ताज बाबू, अहमद मुर्तजा ने अपने विचार व्यक्त किया। धरना पर मो पोजी, मो मुन्ना, मो फैयाज उल हक उपस्थित थे। इस अवसर पर मंच संचालक जीशान अली एवं डा शगुफ्ता ताजवर ने किया।

अगर एनआरसी लागू हुआ तो 7 करोड़ लोग होंगे सूची से बाहर

दीपांकर भट्टाचार्य ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 19 लाख लोग आसाम में एनआरसी से बाहर हुए उनमें 56000 लोग हमारे बिहार के हैं। असम की सरकार ने बिहार के सरकार से मदद मांगा था। अगर सरकार मदद कर देती तो आसाम में 56000 बिहारी एनआरसी के सूची से बाहर नहीं होते। बिहार की सरकार ने जैसे-तैसे मात्र 13000 लोगों की मदद की जबकि कुल 73000 लोग एनआरसी की सूची से बाहर हुए थे। अगर पूरे देश में एनआरसी लागू हुआ तो पांच से सात करोड़ लोग एनआरसी की सूची से बाहर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि एनपीआर के नाम पर डी हटवाने के लिए जबरदस्त ब्लैक मेलिंग किया जाएगा। भाजपा दिल्ली में पूरी तरह से हार रही है। इसलिए बौखला गई है।

धरना को इनलोगों ने किया संबोधित

धरना को बेगूसराय के भाकपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, माले के जिला सचिव दिवाकर कुमार अंचल सचिव नूर आलम, इंद्रदेव राम, माले के वरिष्ठ नेता राजाराम, राज उपाध्यक्ष दीपक सिन्हा, अमरजीत पासवान,रामविलास रजक, डॉ यू चंद्रा, ननकू पासवान, लड्डू लाल दास, आयशा के प्रशांत कश्यप, भाजपा के शंकर सरोज, सनोज सरोज, विजय सिंह ने संबोधित किया। धरना की अध्यक्षता बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर विचार संघर्ष मंच के अध्यक्ष सह बलिया नगर पंचायत के उपाध्यक्ष मोहम्मद जावेद अख्तर कर रहे थे तथा संचालन मोहम्मद हसन ने किया।

25 फरवरी को बिहार विधानसभा को घेरकर पूरे पटना को इस काले कानून के विरोध में ठप कर देंगे

नवाब चौक पर धरना पर बैठी महिलाएं।

लखमिनियां में अनिश्चित कालीन धरना में उपस्थित महिलाऐं।

धरना को संबोधित करते भाकपा माले नेता दिपांकर भट्टाचार्य।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Ballia News - people of bihar will suffer the most from nrc and npr this law will have to be withdrawn
Ballia News - people of bihar will suffer the most from nrc and npr this law will have to be withdrawn
Ballia News - people of bihar will suffer the most from nrc and npr this law will have to be withdrawn

Post a Comment