नगर के सभी बैंकों की शाखाओं और सीएसपी काउंटर पर सोमवार को जुटी भारी भीड़ की वजह से सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ गई। भीड़ में अधिकांश ग्रामीण महिलाएं थी, जो जन-धन योजना के तहत खुलवाई गई खातों से सरकार द्वारा दी गई राहत राशि की निकासी के लिए आई थी।
इस उमड़ी भीड़ के आगे बैंक अधिकारी या कर्मी भी खुद को असहाय पा रहे थे। वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी अपना कोरम पूरा करने में लगे थे। दरअसल आम जनता के बीच किसी ने यह अफवाह फैला दी कि सरकार ने राहत के रूप जो राशि विभिन्न बैंक एकाउंट में डाली है उसे नहीं निकालने पर बैंक वह राशि लौटा लेगी। इसी अफवाह के कारण से इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं घरों से बाहर आ गई हैं। सामाजिक कार्यकर्ता जफर बारी अंसारी ने कहा कि आम जनता अभी भूख के खौफ से पीड़ित है। उसके आगे वे अदृश्य मौत को भी नहीं गिन रहे हैं। प्रशासन को गंभीरता से इस समस्या के लिए सोचना चाहिए।

जन-धन खाता बना आफत, टूट रही डिस्टेंसिंग

स्थानीय प्रखंड में केन्द्र सरकार द्वारा महिलाओं के जन धन खाता में भेजे गए पैसा बैंकों के लिए आफत बन गया है। तिलैया दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के प्रंबधक निवास कुमार ने बताया कि जन धन खाता में राशि आने के नाम पर जिस महिला का खाता जन धन के तहत नहीं खोला गया है, वे भी अपना पासबुक चेक कराने आ रही है। समय-समय पर स्थानीय थाना द्वारा महिलाओं को समझा-बुझाकर कतार में खड़े कर एक-एक को बैंक में भेजवा रहे है। सभी जगहों पर यही स्थिति बनी हुई है।

पैसे निकालने में डिस्टेंस का नहीं हो रहा पालन
कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन का पालन कराने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सजग है। जगह-जगह पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। इसके बाद भी विभिन्न बैंकों में जन धन योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा मिलने वाली पांच सौ रुपए की राशि निकालने के लिए महिलाओं की लंबी कतार लग रही है। यहां सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो रहा। डुमरिया के मंझौली, नारायणपुर, मैगरा, मंडार में सुबह से लेकर शाम तक भीड़ देखी जा रही है। सीएसपी संचालक सुनील कुमार मेहता ने बताया कि भीड़ में लोग शारीरिक दूरी का ख्याल नहीं रख रहे है।



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Women are putting their lives at risk for 500 rupees, stripped of social distance

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