काेराेना संक्रमित मिलने के बाद बक्सर में सख्ती के बीच इमरजेंसी सेवा नहीं होना जानलेवा बन गया है। ऐसा ही एक मामला डुमरांव से आया। बच्चे को जन्म देने के बाद मां की तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया। दो घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया। डुमरांव के वार्ड नंबर 10 के मजदूर मन्नू खरवार की पत्नी चंदा प्रसव पीड़ा से परेशान थी। मंगलवार रात करीब एक बजे उसने बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद तबीयत खराब हो गई।

परिजन किसी तरह ऑटो से उसे अनुमंडल अस्पताल लेकर गए। वहां अस्पताल लॉक होने की सूचना मिली। चंदा की हालत बिगड़ती जा रही थी। मन्नू के भाई दीपक ने थाना व अनुमंडल प्रशासन से गुहार लगाई। थक-हार कर परिजन बक्सर लेकर जाने लगे। रास्ते में चंदा की मौत हो गई।

बेटे के जन्म की खुशी कुछ देर बाद ही मातम में बदली
बेटे की जन्म से मन्नू की खुशी कुछ ही पल बाद दुख में बदल गया। एक ओर पुत्र रत्न की प्राप्ति व दूसरी ओर पत्नी का साथ छूटने के गम ने उसे झकझोर कर रख दिया। नवजात व तीन वर्षीय बेटी का चेहरा देख मन्नू फफकता रहा। आसपास के लोगों की आंखें भी भर आईं। किंतु चंदा के खो जाने के गम ने उसे पूरी तरह से तोड़ दिया। बेटी भी मां को निहार रही थी।



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Two months after giving birth, life could not be admitted due to hospital lock

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