लॉकडाउन में 21 दिनों तक घरों में बंद रहना लोगों के लिए मुश्किलभरा है, लेकिन कोरोना को हराने के लिए यह जरूरी है। इस बीच बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबाैर (बीएयू) अपने सामुदायिक रेडियो 90.8 एफएम ग्रीन से लोगों को सीधे जोड़ने और उन्हें घरों में रहने के लिए प्रेरित कर रहा है। विश्वविद्यालय ने इसे लेकर रेडियो से प्रसारण अवधि बढ़ा दी है। एक ओर कोरोना से बचाव की जानकारी दी जा रही है, दूसरी ओर लोकगीतों से मनोरंजन कर रहा है। रेडियो पर मूलत: आसपास के क्षेत्रों में चल रहे गतिविधियों की जानकारी, लॉकडाउन में जरूरी सुविधाओं की जानकारी दी जा रही है। कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह किसानों को कोरोना के मद्देनजर कृषि कार्यों को सतर्कता से करने के संदेश दे रहे हैं।
लॉकडाउन में आवास से ही हो रहा है प्रसारण
लॉकडाउन में एफएम ग्रीन से नियमित प्रसारण में समस्या होने के कारण मीडिया सेंटर प्रभारी ईश्वरचंद्र ने अपने आवास से ही रेडियाे का प्रसारण का फैसला लिया। बताया जा रहा है कि रेडियाे में काम करने वाले कई स्टाफ और रेडियो जॉकी शहर के अलग-अलग हिस्सों से आ रहे हैं। लॉकडाउन में उनकी परेशानी ज्यादा न हो, इसलिए यह फैसला लिया गया। अधिकारियों से अनुमति मिलने के बाद एक छोटे एंटीना से स्टूडियो को रिमोट एक्सेस किया और तकनीकी उपकरणों से अपने कमरे को ही स्टूडियो बना लिया। ईश्वरचंद्र ने बताया, जब स्थानीय लोगों को इस समय सूचनाओं की ज्यादा दरकार है, इसलिए यह फैसला लिया।
कार्यक्रमों के प्रसारण का समय बढ़ाया
पहले रोजाना तीन घंटे का प्रसारण हो रहा था। अब इसे 12 घंटे कर दिया गया है। सुबह 10 बजे से रात 10 तक इसे प्रसारित किया जा रहा है। कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया, लोग घरों में हैं और उनके पास सूचना के साधनों में टीवी और एफएम ग्रीन है। टीवी उन्हें देश-दुनिया की जानकारी दे रहा है, हमारा रेडियो उन्हें भागलपुर की जानकारी दे रहा है। प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आरके सोहाने ने बताया, अभी फसल तैयार है। किसानों को सूचना की दरकार है। लोगों में यह पहल लोकप्रिय हो रही है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके फेसबुक पेज पर कोई भी सूचना आते ही यह सीधे 6-7 हजार लोगों तक पहुंच रही है।
रेडियाे से सूचनाएं प्रसारित करते प्रभारी अधिकारी।
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