रजौली में पीएईडी विभाग की लापरवाही से हर दिन सड़कों पर हजारों लीटर पानी बह कर बर्बाद हो रहा है। कई बार सूचना दिए जाने के बाद भी पीएचईडी का ध्यान नहीं जा रहा है। एक तरफ जल स्तर काफी नीचे जाने से जहां रजौली सहित ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के लिए लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर पानी को बर्बाद किया जा रहा है। पुरानी बस स्टैंड से बाजार जाने वाली रोड व प्रखंड के कई स्थानों पर पानी सप्लाई करने वाली पाईप फटे होने से हजारों लीटर पानी रोजाना बर्बाद हो रहा है।सिर्फ यहीं नहीं प्रखंड कार्यालय के समीप व अनुमंडलीय अस्पताल के समीप खुली नल से पानी बह कर बर्बाद हो रहा है
प्रखंड के लेंगुरा,हरदिया,फरका बुजुर्ग,धमनीआर, सवैयाटांड़ सहित कई पंचायतों के गांवों में चापाकल सूख गए हैं। कई चापाकल खराब हैं,जिसकी वजह से इन क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार मचा है। कई लोगों ने खराब पड़े व सूखे चापाकलों को बनवाने के लिए अधिकारियों से निवेदन किया लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। जंगली क्षेत्र के गांव के लोगों के साथ-साथ जानवरों को पीने का पानी के लिए कई-कई किलोमीटर तक रोजाना भटकना पड़ रहा है। बावजूद विभागीय अधिकारियों की लापरवाही प्रभावित लोगों के मुंह चिढ़ा रही है।
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प्रखंड के लेंगुरा,हरदिया,फरका बुजुर्ग,धमनीआर, सवैयाटांड़ सहित कई पंचायतों के गांवों में चापाकल सूख गए हैं। कई चापाकल खराब हैं,जिसकी वजह से इन क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार मचा है। कई लोगों ने खराब पड़े व सूखे चापाकलों को बनवाने के लिए अधिकारियों से निवेदन किया लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। जंगली क्षेत्र के गांव के लोगों के साथ-साथ जानवरों को पीने का पानी के लिए कई-कई किलोमीटर तक रोजाना भटकना पड़ रहा है। बावजूद विभागीय अधिकारियों की लापरवाही प्रभावित लोगों के मुंह चिढ़ा रही है।
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