कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन में जिले के कई मजदूर दूसरे राज्यों में अब भी फंसे है। ये लोग मेहनत व मजदूरी कर अपना परिवार चलाते है। लॉकडाउन के कारण इनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चूकी है। इनके पास अब खाने के लिए भी पैसे नहीं बचे है। रोजी-रोटी की तलाश में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के गोपालपुर गांव गए सदर प्रखंड के सरावे छावानीपर और पुरैना-सरसर गांव के चार दर्जन से अधिक युवक लॉकडाउन के कारण भुखमरी के कगार पर है।

सरावे गांव के राज कुमार ने फोन पर बताया कि वैश्विक महामारी में परिवार की बात कौन करे, खुद का पेट भर पाना मुश्किल हो गया है। कंपनी में काम बंद हो गया है और कोरोना वायरस के कारण मालिक के नोएडा में फसे होने के कारण अब दुकानदार बाकी समान नहीं दे रहे है। जिसके कारण अब भोजन मिलना भी मुश्किल हो गया है। वे बताते है कि जो भी पहले के पैसे बचे हुए थे, अब खत्म हो गया है। उन सबों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

फंसे हुए मजदूरों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाया है कि हमलोगों को लॉक डाउन में खाने पीने की व्यवस्था बुलंदशहर में कराया जाए और जल्द से जल्द घर बुलाया जाए ताकि हमलोग अपने घर को आ सके। राज कुमार ने बताया कि मेरे अलावा वकील कुमार सिंह, जय कुमार यादव, ओमप्रकाश यादव, कमलेश यादव, रमेश यादव, तुफानी यादव, अनिल कुमार यादव, नंद कुमार, रंजय यादव, राजन कुमार, संतोष कुमार सहित अन्य फसे हुए है। वहीं सदर प्रखंड के कररूआ गांव निवासी करण पासवन, अविनाश कुमार, लक्की कुमार सहित अन्य लोग भी मध्य प्रदेश के देवाश शहर में फसे हुए है।



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Locks to eat in front of Siwan's laborers trapped in Bulandshahr

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