करोना संकट में समय बढ़ने के साथ ही गरीबों के बीच भोजन संकट की समस्या गंभीर होती जा रही है। प्रखंड के सैकड़ों गरीबों के सामने भोजन संकट उत्पन्न हो गई है जो सरकारी मदद नहीं मिलने से स्थानीय लोगों की मदद के मोहताज बने हुए हैं। वैसे गरीब परिवारों का कहना है कि कोरोना वैश्विक महामारी से लॉक्डाउन के पहले चरण में 21 दिनों तक तो घरों में बचे-खुचे राशन से घर का चूल्हा जैसे-तैसे जला लेकिन अब लॉकडाउन के दूसरे चरण में गुजारा कैसे होगा यह सोचकर हम चिंता में हैं। कथराई गांव निवासी सामाजिक कार्यकर्ता लाल मुक्ति पासवान ने बताया कि गरीबों के घर में चूल्हा जलाने के लिए अनाज नहीं बच पाया है।

डीलर ने कार्ड पर नहीं दिया राशन

भोजन के लिए लोगों के बच्चे भूख से बिलबिला रहे हैं। गरीबों को सरकार से उम्मीद थी कि राशन वितरण में कुछ राशन मिलेगा। इसी उम्मीद में हम पीडीएस दुकान पर राशन वितरण में लाल और हरा कार्ड लेकर गए की राशन मिल जाएगा लेकिन डीलर ने लाल और हरा कार्ड पर राशन नहीं दिया। ऐसे में प्रखंड के सैकड़ों गरीबों के बीच मायूसी छा गई है। कई ऐसे परिवार भी हैं जिनके पास नया राशनकार्ड नहीं है वे इस महामारी में यह टकटकी लगाए हुए थे कि सरकार व स्थानीय प्रशासन कुछ व्यवस्था कर भुखमरी से बचाव के लिए राशन वितरण करवाएगी पर बिना राशनकार्ड वाले इन गरीब परिवारों के लिए अब तक प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की गई। ऐसे परिवारों के समकक्ष भोजन संकट उत्पन्न होने लगी हैं।

पति के पास पैसे नहीं, राशन खत्म, सरकार दे नहीं रही- नेहा

इस संबंध में कोयल निवासी नेहा देवी का कहना है कि पती प्रेमचंद राम कमाने के लिए दिल्ली गए हुए है पैसा भेजने पर हम घर परिवार चलाती थी काम बंद है पैसा नहीं आ रहा है और सरकार से राशन भी नहीं दिया जा रहा है। वहीं प्रियंका देवी ने बताया कि पती प्रदुमन कुमार नागपुर में काम करने गए हैं लौक डाउन में फंसे हुए हैं घर में भोजन के लिए राशन की परेशानी उत्पन्न हो गई है। राशनकार्ड नहीं है और राशन भी नहीं मिल रहा है अधिकारी लोग राशन दिलावे। वही प्रखंड के विभिन्न पंचायत के कुछ लोगों का कहना है कि कई माह पूर्व ही राशन कार्ड बनाने को लेकर आवेदन दिया गया था लेकिन अब तक राशन कार्ड नहीं मिल सका है जिसके कारण गरीबों को राशन नहीं मिल पा रहा है।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

प्रखंड के सियाडिह एवं कोयल पंचायत के लोगों से इस मामले पर बात करने कोयल गांव निवासी आशा देवी, अशोक राम, अमिताबच्चन राम, लालबहादुर राम, शांति देवी, मानतुरन देवी, बताया कि लाल कार्ड पहले बना हुआ था और राशन भी पहले मिल रहा था लेकिन आब हम गरीब लोगों को राशन नहीं मिल रहा है।कई बार ब्लॉक में गया लेकिन अब तक राशनकार्ड नहीं बना।इस लौक डाउन में खाने के लिए राशन की समस्या उत्पन्न हो रहा है, हम लोग बार-बार मांग कर रहे हैं कि राशन का वितरण हम लाल और हरा कार्ड वाले को भी किया जाए लेकिन अब तक नहीं मिला है।
क्या कहते हैं पंचायत प्रतिनिधि
इस संबंध में पूछे जाने पर पंचायत प्रतिनिधियों ने भी स्वीकार किया कि प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में कुछ ऐसे गरीब लोग हैं जिन्हें राशन नहीं मिल रहा है और उनको समस्या उत्पन्न हो रही है ।सरकार को तत्काल इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। वहीं कोयल पंचायत के मुखिया इंदू देवी ने बताया कि पंचायत के वैसे गरीब जिनको राशन कार्ड नहीं है उनका सर्वे कर प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया गया है कि वैसे गरीब लोगों को राशन मिल सके।

अधिकारी क्या बोले-
प्रखंड में लंबित लगभग 1500 आवेदनों में से 700 आवेदनों को स्वीकृत कर अनुमंडल प्रशासन को राशन कार्ड बनाने के लिए भेज दी गई है। वही सरकार के निर्देश पर पंचायतों में गरीब वैसे लोग जिन्हें राशन की आवश्यकता है उसके लिए कराया जा रहे सर्वे में पंचायत प्रतिनिधि एवं विभिन्न राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने छह सौ लोगों के नामों की सूची प्रखंड प्रशासन को उपलब्ध कराई है जिसकी जांच की जा रही है।
-संदीप कुमार पांडे चरपोखरी बीडीओ



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How the second phase of the lockdown will be cut, there is no grain in the house of the poor, the stomachs are filling with the help of others

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