(ओम प्रकाश सिंह)शुभ मंगल यानी शुभ शुरुआत पर सावधान! छूट से खुश मत होईए। किसी भ्रम में हैं तो छोड़ दीजिए। क्योंकि लॉकडाउन का पहले के जैसा ही सख्ती से पालन कराया जाएगा। बेवजह सड़कों पर निकलें तो आपको हवालात में रात गुजारनी पड़ेगी। सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने मरीजों व किसानों को राहत दी है। छोटे-छोटे कारोबारियों के दर्द पर मरहम लगाया है। ताकि आम लोगों के सामने जो मुसीबतें आयी है। उससे निपटा जा सके। 20 अप्रैल यानी सोमवार से सभी सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में ओपीडी की सुविधा शुरू की जाएगी। ये मरीजाें के लिए राहत भरी खबर है। इसी तरीके से किसानों के लिए बीज दुकान, बीज भंडार, उर्वरक दुकान, कृषि यंत्र के दुकान खुलेंगे। ताकि किसानों के सामने कृषि को लेकर उत्पन्न हुए संकट हल हो सके। लेकिन इसमें भी सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल रखा जाएगा। मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए किसी के अनुमति की जरूरत नहीं है। लेकिन उनके पास डॉक्टर के पूर्जे और वाजिब कारण होना चाहिए।
बाहर निकलने पर मास्क लगाना अनिवार्य, गुटका व तंबाकू खाकर थूकना अपराध : जिन क्षेत्रों में छूट दी गई है। उनके लिए भी सोशल डिस्टेंस को अनिवार्य किया गया है। इसके साथ-साथ बाहर निकलने से पहले सभी सरकारी व गैर सरकारी कर्मी, मरीज, किसान व कुछ उद्योग वाले लोगों काे बाहर निकलने से पहले चेहरे पर मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। इसके साथ-साथ एक कड़ी चेतावनी भी जारी की गई है। इस दौरान गुटका, तंबाकू खाकर सार्वजनिक स्थानाें पर थूकना अपराध श्रेणी में घोषित किया गया है। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करते पाया गया तो उसपर विधि सम्मत कार्रवाई होगी। लिहाजा लोगों को इन बातों को ध्यान में रखकर ही बाहर निकलना होगा।
डाॅक्टर साहब! खोलना होगा निजी क्लिनिक, चलानी होगी ओपीडी सेवा
डॉक्टर साहब! वैसे तो आप इमरजेंसी सेवा दे रहे थे। मोबाइल फोन पर भी मरीजों को परामर्श दे रहे थे। लेकिन अब इससे काम नहीं चलेगा। क्योंकि सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने सभी सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा शुरू करने का निर्देश दिया है। लिहाजा अब आपको लॉक डाउन के बीच निजी क्लिनिक में ओपीडी सेवा शुरू करना होगा। लेकिन इसमें आपको परेशानी हो सकती है। प्रशासन को भी डॉक्टरों के सुरक्षा का ख्याल रखना होगा। मरीजों को भी सोशल डिस्टेंस पालन करना होगा। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ब्रजकिशोर सिंह, सर्जन जन्मेजय कुमार, फीजिशियन डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. रामाशीष सिंह, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शोभा रानी, डॉ. शीला वर्मा, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि हम क्लिनिक खोलने को तैयार हैं। लेकिन जिला प्रशासन को सुरक्षा का बंदोबस्त करना होगा। मरीजाें से भी अपील है कि वे सोशल डिस्टेंस का पालन करेंगे।
हाईवे पर खुलेगा नौ ढाबा, चिकेन, मीट, मछली की दुकानें भी खुलेंगी
जिला प्रशासन ने एनएच दो व एनएच 139 पर छोटे-बड़े नौ ढाबा को बंदी से बाहर रखते हुए खोलने की छूट दिया है। लेकिन बड़े ढाबों पर महज पांच लोग व छोटे ढाबे पर महज दो लोग ही एक साथ रूक पाएंगे। वो भी सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल करेंगे। इन ढाबों को इसलिए बंदी से बाहर किया गया है, ताकि राशन, चारा, दवा व जरूरी के सभी ट्रांसपोर्टेशन करने वाले वाहनों के स्टाफ को खाना मिल सके। इसके साथ-साथ जिला प्रशासन ने चिकेन, मीट व मछली दुकान को भी बंदी से बाहर रखा है। लेकिन यहां पर भी सोशल डिस्टेंस का पूरा पालन होगा। पांच लोगों की भीड़ को प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ-साथ कुछ रेस्टोरेंट को भी छूट किया गया है। वो भी सिर्फ होम डिलीवरी के लिए।
शवात्रा निकालने के लिए भी एसडीओ से लेना होगा पास, 20 लोग होंगे शामिल
लॉक डाउन के बीच अगर किसी की मृत्यु हो गई तो शव यात्रा निकालने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी से पास निर्गत कराना होगा। इसके बाद ही शव यात्रा निकला जा सकता है। बिना पास के शव यात्रा निकालने पर कार्रवाई हो सकती है। शव यात्रा में महज 20 लोग ही शामिल होंगे वो भी सोशल डिस्टेंस का पालन करेंगे। ताकि कोरोना संक्रमण का कोई खतरा न हो। हालांकि अभी तक अपने जिले में कोरोना पॉजिटिव का कोई केस सामने नहीं आया है। लेकिन एहतियात पूरी तरीके से बरतना है।
ये भी खुलेंगे
- किराना व सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों के स्टोर
- पशु आहार एवं मुर्गी दाना के लिए डीपो
- हाईवे पर ट्रकों के मरम्मती के लिए सर्विस सेंटर
- हाईवे पर मोटर पार्टस की दुकान
- बीमा कार्यालय
- सभी सरकारी व गैर सरकारी ऑफिस
- मधुमक्खी व मछली पालन, पॉल्ट्री फॉर्म, हैचरी
- सोशल डिस्टेंस का पूरा होगा पालन
- बेवजह निकलने पर पहले की जैसी होगी कार्रवाई
- मीट, मछली की दुकान खुलेंगी, छोटे-छोटे उद्योगों पर भी छूट, पर लेना होगा पास
कुछ जरूरी सेवाओंमें राहत : डीएम
डीएम सौरभ जोरवाल ने बताया कि लॉक डाउन अगले तीन मई तक जारी रहेगा। कोई भी व्यक्ति इसमें कोई भ्रम न पालें। बेवजह सड़कों पर निकलने से बचें।
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