पति के दीर्घायु व सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना का महापर्व बट सावित्री शुक्रवार को जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सुहागिन महिलाओं ने उपवास रख उमंग पूर्वक मनाया। हालांकि इस साल कोरोना संकट को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर अधिकांश सुहागिनें सार्वजनिक स्थानों के बरगद वृक्ष के निकट नहीं गई और अपने घरों में ही गमले में लगे बरगद वृक्ष की पूजा, परिक्रमा व मोली बांधी और पति के दीर्घायु की कामना की।

शहर के सहरसा क्लब के निकट, शंकर चाैक, गांधी पथ राेड, एसपी ऑफिस चौक, पशुपालन कॉलोनी परिसर, पुरानी जेल सहित अन्य स्थानों पर पूजा-अचर्ना की गई। शुक्रवार को सुबह से ही सुहागिनों के बीच वट सावित्री पर्व को लेकर उत्साह व्याप्त थी। सुहागिनों ने नए परिधान में सजधज कर सती सावित्री और सत्यवान की पूजा अर्चना की।

मौसमी फलों में आम, लीची, खीरा, खरबूज, नारंगी चढ़ाया गया। इसके बाद आपस में कथा सुनकर बरगद पेड़ की 11 बार परिक्रमा करते हुए मौली बांधी। फिर अपने-अपने जुड़ो में बरगद की पत्ती खोंस कर सती सावित्री और सत्यवान के अटूट प्रेम के बंधन का स्मरण करते हुए पति व्रत का संकल्प लिया।

पति को बांस से बना बेना (पंखा) झेल कर आशीर्वाद ग्रहण किया। सुहागिनों ने शाम में फलाहार कर उपवास तोड़ा। सुहागिनों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर शुक्रवार को वट सावित्री व्रत के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए बरगद वृक्ष की पूजा अर्चना कर पति के दीर्घायु की कामना की।

अधिकांश सार्वजनिक स्थानों के बरगद पेड़ के नीचे सुहागिनों की इस कदर भीड़ बनी रही कि सोशल डिस्टेंस का तनिक भी ख्याल नहीं रह पाया। महिलाओं ने अपने पति के दीर्घायु की कामना की। जाहिर है, आस्था और परंपरा कोरोना के खतरे पर भारी पड़ा। हालांकि सोशल डिस्टेंस टूट गया, जिससे कोरोना के संक्रमण का खतरा बताया जाता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Suhagins celebrated the festival by orbiting the Vat tree, vowed for the husband's long life

Post a Comment