

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कोरोना सैंपल के कलेक्शन की व्यवस्था अनुमंडलीय अस्पतालों में भी करने का निर्देश प्रधान सचिव को दिया। ताकि गांव में रहने वाले लोगों की कोरोना जांच सुविधाजनक तरीके से हो सके। वहीं, रैपिड एंटीजन जांच के लिए पर्याप्त संख्या में जांच किट की व्यवस्था करने को भी कहा। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री विभागीय अधिकारियों के साथ कोरोना संबंधी समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 100-100 आइसोलेशन बेड शीघ्रताशीघ्र तैयार करने का भी निर्देश दिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार में कोरोना जांच का दायरा प्रतिदिन बढ़ रहा है। अब यह दस हजार के आंकड़े को पार कर गया है। उन्होंने निर्देश दिया कि जांच की इस संख्या को न केवल बरकरार रखी जाए, बल्कि इसको और ज्यादा बढ़ाया जाए। रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से आधा घंटे में जांच की सुविधा है। ऐसे 40 हजार किट सूबे के विभिन्न अस्पतालों में पहुंच गए हैं। मास्क लगाने, एक दूसरे से दूरी बनाए रखने और अनावश्यक रूप से बाहर नहीं निकलना इस बीमारी का प्रमुख बचाव है।
कोरोना संक्रमण बढ़ने से बढ़ी केंद्र की चिंता, जल्द ही एनसीडीसी की टीम करेगी दौरा
राज्य में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण से केंद्र सरकार की चिंता बढ़ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की टीम जल्द बिहार का दौरा करेगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी लगातार बिहार के संपर्क में है। हाल ही के दिनों में दिशानिर्देशों को लेकर लापरवाही बरतने की वजह से बिहार में कोरोना के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यह चिंता का विषय है। एक बार पुनः बिहार में लॉकडाउन लगा है। इसे सभी गंभीरता से लें।
किसी भी सूरत में लापरवाही नहीं बरतनी है। सतर्क एवं संयम के साथ दिशा निर्देशों का पालन करना है। केंद्रीय ने चिकित्सा एवं चिकित्सक कर्मियों से अनुरोध किया कि कोई भी मरीज बिना इलाज के वापस ना लौटे इसका विशेष रूप से ख्याल रखा जाए। कोरोना व मरीजों से डरने की जरूरत नहीं है। इससे पहले उन्होंने प्लाज्मा डोनर दीपक कुमार, चिकित्सक और स्वयंसेवी संगठनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की।
बिहार की रिकवरी रेट 69 फ़ीसदी, राष्ट्रीय स्तर से काफी बेहतर
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि कोरोना के ख़िलाफ़ हमारी जंग जारी है। बिहार की रिकवरी रेट 69 फ़ीसदी है, जो राष्ट्रीय स्तर से काफी बेहतर है। यह सरकार के प्रयास, कोरोना योद्धाओं के परिश्रम और जनता के सहयोग से ही संभव हुआ है। एहतियात, जांच और इलाज के प्रयासों में तेजी लाकर हम अब भी कोरोना को हरा सकते हैं। लॉकडाउन कोई बंदिश नहीं, बल्कि संयम से महामारी को जीतने का जज्बा दिखाने का एक ब्रेक भर है।
मोदी ने कहा है कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए एक तरफ हर गरीब परिवार को 4 मास्क और एक साबुन मुफ्त देने के लिए 160 करोड़ रुपए दिए गए, तो दूसरी तरफ मास्क लगाए बिना बाहर निकले लोगों से जुर्माना वसूलने की सख्ती भी की गई। इसके बावजूद सार्वजनिक स्थलों पर एहतियात बरतने में शिथिलता बरती गई, जिससे संक्रमण तेजी से बढ़ा और पूरे प्रदेश में 31 जुलाई तक सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू करना पड़ा। यदि हमने नियमों का सख्ती से पालन किया तो संक्रमण की कड़ी अवश्य टूटेगी।
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