पंचायत चुनाव में इस बार प्रत्याशियों के पास वोटरों को रिझाने के लिए महज 8 दिन ही मिलेंगे। ईवीएम से चुनाव की तैयारी के बीच मतदान की तिथि के निर्धारण को लेकर भी राज्य निर्वाचन आयोग मंथन कर रहा है। पिछले चुनावों तक पंचायत के प्रत्याशियों को प्रचार के लिए करीब 40 दिनों का वक्त मिल रहा था। दरअसल इसके पीछे की वजह थी मतपत्रों की छपाई में लगने वाला वक्त।
आयोग के सूत्रों के अनुसार बैलेट पेपर से चुनाव के दौरान प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न के आवंटन के करीब 40 दिन बाद मतदान होता रहा है। लेकिन अब चूंकि चुनाव ईवीएम से कराने की तैयारी है तो इसमें बैलेट पेपर की छपाई नहीं होगी। ऐसे में यह विचार किया जा रहा है कि प्रत्याशियों को प्रतीक चिह्न के आवंटन के 10 दिन बाद ही वोटिंग करा ली जाए।
अगर ऐसा हुआ तो प्रत्याशियों के पास पहले की तरह प्रचार का वक्त नहीं होगा। प्रचार की अवधि करीब 30 दिन घट जाएगी। यानी कुल मिलाकर प्रत्याशियों के पास प्रचार के लिए आठ दिन ही मिलेंगे। ऐसा इसलिए कि वोटिंग की तिथि के 48 घंटे पहले प्रचार पर रोक लग जाएगी। गौरतलब है कि इस साल मार्च से मई के बीच पंचायत चुनाव होना है।
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