आरा. आरा-पटना नेशनल हाइवे-30 पर कपिलदेव चौक से कोईलवर स्टेशन तक सड़क के किनारे लगे दुकानों पर पुलिस प्रशासन का डंडा चला। इसके लिए बुधवार को प्रशासन द्वारा सभी दुकानदारों को 24 घण्टे के अंदर सड़क किनारे का दुकान हटाने का फरमान दिया था। गुरुवार को अंचलाधिकारी संजीव कुमार सिंह भारी-संख्या में पुलिस-बल के साथ कपिलदेव चौक पहुंचे। जहां से कोईलवर स्टेशन तक सड़क के दोनों किनारे लगे अवैध दुकानों को जेसीबी मशीन से तोड़ ध्वस्त किया गया। कोईलवर स्टेशन पर गुमटी को नीचे पलट दिया गया।

जिसके बाद बच्चे व महिलाएं दुकान से गिरे बिस्किट व टॉफी लूटकर ले भागे। कई दुकानदारों ने प्रशासन के सामने मिन्नते कीं, दो दिनों का समय मांगा, लेकिन दुकानों पर बुलडोजर चला उसे ध्वस्त दिया गया। पीड़ित दुकानदारों ने बताया कि प्रशासन चेहरे देखकर दुकानों पर बुलडोजर चला रहा है। जिससे छोटे-छोटे दर्जनों व्यवसायियों(दुकानदारों) को लगभग दस लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इस बीच, कोईलवर अंचल के सीओ संजीव कुमार सिंह ने बताया कि शहीद कपिलदेव चौक से स्टेशन तक नेशनल हाइवे के दोनो तरफ अवैध ढंग से बने दर्जनों दुकानों को तोड़ा गया। आगे भी अतिक्रमण को लेकर अभियान जारी रहेगा। साथ ही बताया कि उक्त सड़क के दोनो किनारे सड़क का चौड़ीकरण कराया जाएगा।

दुकानदार बोले- नो-इंट्री में ट्रक छोड़ने से लगता है जाम

कपिलदेव चौक से कोईलवर स्टेशन तक जाने वाली आरा-पटना नेशनल हाइवे पर दर्जनों दुकानदारों ने कहा कि पुलिस द्वारा नोइंट्री में ट्रक छोड़े जाने से अक्सर जाम लगा रहता है। वहीं छपरा-आरा फोरलेन सड़क लेन में झलकुनगर से कपिलदेव चौक तक ट्रको की लंबी कतार लगी रहती है। दूसरे लेन से छोटे वाहन आते जाते है। जिसमे पुलिस द्वारा वाहनों को छोड़ा जाता है। वही इंट्री गिरोह द्वारा जबरन आरा-छपरा फोरलेन अप्रोच रोड पर बालू लोड ट्रको को इंट्री कराते है। जो जाम का मुख्य कारण है। लेकिन प्रशासन इस समस्या से निजात नहीं दिलाकर फुटपाथ या सड़क किनारे चांट में दुकान लगाने वाले को हटा अतिक्रमण मुक्त कराना चाहती है। इन दुकानों से उनकी दो वक्त की रोटी चलती है। जिससे अब उनके सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो जायेगी।

अतिक्रमण से लगता है जाम, प्रशासन से प्राथमिकी की मांग

इधर, अतिक्रमण से परेशान लोगों ने कहा कि जिला के वरीय अधिकारी एक दिन दस मिनट के लिए जाम में फंसने पर अतिक्रमण हटवा रहे है। पब्लिक प्रतिदिन इस जाम का शिकार होती है। इसके बाद भी प्रशासन आंखें मुंदें रहता है। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण से कानून प्रभावित होता है। ऐसे लोगों पर केस होना चाहिए।



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कपिलदेव चौक से अतिक्रमण हटवाते अंचलाधिकारी।

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